भारतीय सेना दिवस 2018: सौरभ सिंह

भारतीय सेना दिवस 2018: सौरभ सिंह

सम्पूर्ण भारतवर्ष का गौरव हमारी आर्मी आज अपना ’70वां सेना दिवस’ मना रही है। भारतीय आर्मी के साथ-2 पूरा देश भी इस अवसर पर सेना के मजबूत साहस, सहयोग और बलिदान को सलाम कर रही है। प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को पूरे भारतवर्ष में थल सेना दिवस पूरे हरसौल्लास के साथ मनाया जाता है, वस्तुत: देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर सपूतों के प्रति श्रद्धांजलि देने का दिन 15 जनवरी है। जैसा की आप जानते हैं भारतीय सेना एक ऐसी सम्मानित संस्था है जो राष्ट्रीय मानकों, मूल्यों, परंपराओं और संस्कारों को कायम रखने में गर्व महसूस करती है। इसलिए आज का यह दिन मुख्य रूप से देश की एकता व अखंडता के प्रति संकल्प लेने का प्रमुख दिन है।

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ऐतिहासिक संदर्भ, इस दिन ‘के. एम. करिअप्पा ‘ को भारतीय सेना का ‘कमांडर-इन-चीफ़’ बनाया गया था। लेफ्टिनेंट करिअप्पा, लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे, इससे पूर्व यह अधिकार ब्रिटिश मूल के ‘फ़्राँसिस बूचर’ के पास था। वर्ष 1948 में भारतीय सेना में लगभग ‘दो लाख’ सैनिक ही थे, लेकिन अब लगभग 16 लाख, 25 हज़ार भारतीय सैनिक थल सेना में अलग-2 पदों पर कार्यरत हैं। व्यापक रूप से, ‘फ़ोर्स वो टेरीटोरियल आर्मी’ मिलाकर इसकी संख्या लगभग 37 लाख से भी अधिक होने का अनुमान लगाया जा सकता है। प्रत्येक किर्तिमंडित, प्रत्येक उपलब्धि और लब्ध पुरस्कारों के पीछे लोग होते हैं जो महत्ता रखते हैं। कुछ जिन्होंने आर्मी रजिमेंट की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयत्न किया और कुछ जिन्होंने चुपचाप, विनीत भाव से अपना योगदान दिया। यद्दपि रजिमेंट के सभी कर्मठ पत्रों पर प्रकाश डालना संभव न हो पाए, तो भी प्रमुख पर अवश्य डाला जा सकता है। 

अपने कर्तव्यों के प्रति दत्तचित हुए तुम्हें कर्तव्य से चूकना नहीं चाहिए। एक योद्धा के लिए कर्तव्य परायण होकर युद्ध करने से बड़ा कोई धर्म नहीं है। श्रीमद भगवतगीता। 

आर्मी के बेड़े में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, ब्रह्मोस, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, हजारों ‘आर्मी टैंक्स’ और ‘एयरक्राफ्ट’ के साथ-2 शक्तिशाली न्यूक्लियर हथियार और मिसाइल्स भी शामिल है जो देश के समक्ष आने वाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिये तैयार और प्रतिबद्ध है। अन्य शब्दों में, भारत का प्रत्येक ‘सैनिक’ सेना का गौरव कायम रखने के लिये प्रतिबद्ध है। स्वाभाविक रूप से किसी भी देश की सुरक्षा उसकी सेना की क्षमता और दक्षता पर टिकी होती है इसलिए भारतीय बजट में भी इसका खासा ध्यान रखा जाता है

सेना दिवस 15 जनवरी, 2018 के अवसर  पर सेनाध्यक्ष  ने कहा, “मैं सेना के सभी अधिकारी, जूनियर कमीशंड अधिकारी, नॅान कमीशंड अधिकारी, और अन्य रैंक, सिविलियन कर्मचारी, वीर नारी, Veterans तथा आपके परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ।” इसके साथ-2 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सेना को बधाई दी है।

महत्वपूर्ण रूप से 2017 में भारतीय सेना को सीमाओं पर और देश के अन्दर कई ऑपरेशन में सफलता प्राप्त हुई है। भारतीय आर्मी के जवानों ने सीमाओं पर विरोधियों वो आतंकवादियों को करारा जवाब दिया है। अतः प्रतिकूल और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी हमारे सभी रैंक की नि:स्वार्थ कार्रवाई के परिणामस्वरूप ‘जम्मू कश्मीर और उत्तर-पूर्व’ के सुरक्षा हालात में तीव्र सुधार हो रहा है। विपदाओं आदि के समय में भी हमारे सैनिकों ने तीव्र गति वो आधुनिक रूप से कार्रवाई करते हुए सम्पूर्ण देशवासियों को हमेशा मदद पहुँचाई है और उनके बहुमूल्य जीवन को सुरक्षित करने में लगातार मदद करते आए हैं। इसलिए हमारा राष्ट्र अपनी सेना पर गर्व महसूस करता है, और हमें अपने उद्देश्यों को सम्मान और गौरव के साथ हासिल करने के लिये प्रोत्साहित करता रहता है।


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उपरोक्त कथनों के अनुसार यह कहा जा सकता है कि सुरक्षा और कूटनीतिक मामलों में भी भारत उत्तर-औपनिवेशिक काल में वैश्विक स्तर पर आपार सफलताएं अर्जित की है जिसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन आदि की अहम भूमिका रही है जिसके परिणामस्वरूप अब इसकी तुलना विकसित देशों के साथ की जाने लगी है और भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक अलग पहचान मिल पाई है। 12 जनवरी 2018 को भी इसरो ने अपना 100 वें उपग्रह PSLV-C40 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया   लेकिन इसके साथ चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को रोकने के लिये यह भी जरूरी है कि भारत अपने सैन्य संबंधों को आधुनिक रूप से और ज्यादा मजबूत करें ताकि राष्ट्र प्रत्येक नकारात्मक तत्वों का सामना आसानी से कर सकें।

त्रिलोक सिंह, हमारे देश के वीर जवानों को सेना दिवस के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं और प्यार।

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आने वाले भावी वर्षों में भी भारतीय सेना हमारी राष्ट्रीय शक्ति के एक प्रभावी तंत्र के रूप में अपनी तीव्र प्रगति को बरकरार रखेगी। हमारी समुद्री सेना भी सरहदों और व्यापारिक जलमार्गों की सुरक्षा तथा आपदाओं के समय देशवासियों की सहायता हेतु प्रतिबद्ध है। हालांकि, आईएनएस विक्रमादित्‍य को भी जब से नौसेना के जवानों को समर्पित किया गया और अमेरिका, फ़्रांस, इजराइल आदि देशों से बढ़ते आपसी सेन्य संबंधों के परिणामस्वरूप भारतीय डिफेंस का लोहा अब अन्य विकसित और ताकतवर देश भी मान रही है। अतः अब वो समय आ गया है जब हमारे भारतीय डिफेन्स शक्ति ‘संयुक्त अभ्यास’ कर आतंकवाद और अपने दुश्मनों का सम्पूर्ण रूप से कर दे। भारतीय नौ सेना की शान कहे जाने वाले ‘विक्रमादित्‍य’ के साथ सूर्य जैसी तेजस्विता की भावना जुड़ी हुई है, अतः आप सब के जीवन में भी सूर्य की वो तेजस्विता अथवा प्रखरता आए और हमेशा विजयी होने का विश्‍वास पैदा हो। अंत में, भारत को हमेशा शक्तिशाली और साहसी सेना पर गर्व रहेगा जिसने राष्‍ट्र की सुरक्षा करने के हर अवसर पर श्रेष्‍ठ कार्य किया है। अतः सेना दिवस के अवसर पर हमारी ओर से सभी सेना कर्मियों को शुभकामनाएं और बहुत-2 प्यार।

।जय हिंद।

सौरभ सिंह (भारतीय, आर्मी)। 

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